ईचागढ़ - सरायकेला-खरसावां जिला के ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र में हाथियों का झुंड किसानों पर लगातार कहर बरपा रहा है, जिससे किसान काफी भयभीत व चिंतीत है। आए दिन क्षेत्र में हाथियों का उत्पात से गरीब ग्रामीणों का घर के अंदर में रात को रहना भी मुश्किल हो गया है। खास कर किसान हाथीयों के उत्पात से दिल से टुट चुके हैं। खेतों में धान, सब्जी की खेती को रौंदा जा रहा है, तो घर लाए खलिहानों में भी हाथीयों का झुंड आकर धानों को चट कर रहा है।
आखिर किसान करे तो क्या करे। वहीं गुरुवार की अहले सुबह करीब दो बजे 4-5 हाथीयों का झुंड ने उत्पात मचाते हुए खीरी गांव के फूलमनी महतो,राम विलास महतो व सरला देवी का खेतों में लगे लौकी खेती को खा कर व रौंदकर नष्ट कर दिया। हाथियों ने डुमरा गांव के माधु चक्रवर्ती का खेतों में पके धानों को रौंदकर नष्ट कर दिया।
वहीं कई किसानों के खेतों में लगे सब्जी व धानों को हाथीयों ने रौंदकर नष्ट कर दिया। राम विलास महतो ने कहा कि दिन रात कड़ी मेहनत कर किसान अपनी खून पसीना बहाकर फसल तैयार करते हैं और तैयार फसलों को हाथी द्वारा नष्ट किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा मुआवजा तो दिया जाता है, मगर किसान अपने उत्पादन किया हुआ खेती से कम-से-कम तीन महीने तक फसल बेचकर अपना भरण-पोषण करते हैं और बदले में वन विभाग द्वारा क्षति फसलों का अनुमानित लागत ही दिया जाता है। उन्होंने कहा कि वन विभाग को सिर्फ क्षतिपूर्ति का मुआवजा नहीं देकर पुरे उत्पादन का आकलन कर मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने वन विभाग से हाथीयों को क्षेत्र से भगाने का भी मांग किया है।