✍️ शशि भूषण महतो
चांडिल : सरायकेला खरसावां जिला के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत हेंसाकोचा पंचायत के दर्जनों गांव में आज भी विकास की रोशनी नही पहुँची ,सरकारी मूलभूत सुविधाओं से यह गांव दूर है। झारखंड राज्य अलग हुए 23 बर्ष हो गए इसके बावजूद इस क्षेत्र में सरकारी योजना न पहुंचने से यह पंचायत गांव मूलभूत सुविधाओं से बंचित है । सड़क ,स्वास्थ्य केंद्र,शिक्षा, पीएम आवास, वृद्धा पेंशन, मनरेगा कोई सरकारी सुविधा गांव में नहीं मिली जिसके कारण इस क्षेत्र के नवयुवक पंचायत से पलायन कर रहे हैं। दो जून रोटी के लिए, एवं रोजगार के लिए पंजाब ,बैंगलोर , महाराष्ट्र आदि राज्यों में जाकर काम करने पर मजबूर है।इस पंचायत में प्रखण्ड से जिला और राज्य स्तर के पदाधिकारी और नेता मंत्री , संसद,विधायक पहुंचते रहे है इसके वाबजूद कोई सुधि लेने वाले नही हैं।
--ADVERTISEMENT--
बीमार पड़ने से इस सुदुरवर्ती गांव के लोग चांडिल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए 25 किलोमीटर जाना पड़ता है,बरसात के समय इस क्षेत्र के लोगो को कच्चे रास्ते , पानी और कीचड़ भरा रास्ता से गुजरने के लिए मजबूर हो जाते हैं, साथ ही कठिनाई के साथ विभिन्न प्रकार के उलझन का सामना ग्रामीणों को उठाना पड़ता है ,इनके माथे में कुछ वर्षो से नक्सल नाम की धब्बा लगा हुआ है ।इन गांव में धातकीडीह, सशडीह, भादूडीह , जाहिरडीह, कांकीबेडा, दुगरीडीह, टुडु , रांका, मुटुदा,तानीसाह, रंगामाटिया,गांव के साथ विकास की उम्मीद लिए ग्रामीण जीने पर मजबूर हे।
गांव के लोगों का यह रहा मुख्य साधन जीवन गुजरने का
इस पंचायत के लोंग एक समय की धान की फसल खेती करता है,ओर जंगल की सूखे लकड़ी,दातुन,पत्ता,कदमूल, मार्केट में बेच कर गुजार करते हे।इस पंचायत के लोगों को मतदान के लिए पालना जाना पड़ता है,अब देखना है सरकार आपके द्वार कहा लगने वाला है।