ज्ञात रहे 17 दिसम्बर को संपन्न हुई सुंढ़ी एकता महा सम्मेलन बिस्टूपुर के रीगल मैदान में पोटका के पूर्व जिलापार्षद करुणा मय मंडल समाज के युवाओं को आह्वान करते हुए अपनी कविता के माध्यम से अपनी संबोधन की शुरुआत करते हुए बोले - "युवाओं सब आगे आओ
राजनीति नहीं ये लड़ाई है।
तकलीफ होगा, पर समझ लेना
सिद्ध मंदिर के ये चढ़ाई है।।"
साथ ही उन्होंने अपनी तकनिकी तरीके से बातों को रखते हुए सरकार एवं प्रशासन से सवाल किए की - "जब किसी महिला की जाति प्रमाण पत्र बनाई जाती है तब उनसे उनके पिताजी के कागजातें मांगी जाती है तथा उनके पिताजी के जाति के आधार पर उनका जाति प्रमाण पत्र निर्गत होती है।
--ADVERTISEMENT--
अब सवाल ये उठती है की जब सुंढ़ी समाज के लोग पश्चिम बंगाल से शादी करके लाते हैं तब उस महिला की जाति प्रमाण पत्र में उनके पैतृक जाति के आधार पर एस.सी. का जाति प्रमाण पत्र निर्गत होना चाहिए साथ ही आरक्षण का भी लाभ मिलनी चाहिए। लेकिन ऐसा क्यों नहीं होता है ?"पूर्व पार्षद बोले जब पश्चिम बंगाल के साथ आज भी हमारे रिश्ते कायम है - बेटीओ की आदान प्रदान जारी है। हमारी शादी ब्याहा हर रीति रिबाजें एक है तो यंहा हम ओ.बी.सी. कैसे ? आगे श्री मंडल बोले सुंढ़ी समाज के चंद विकसित शिक्षित व्यक्तियों को देख कर उक्त समाज की आर्थिक स्थिति की आंकलन करना गलत होगा, आज भी सुदूरवर्ती गांव में रहने वाले समाज के एक बहत बड़ी आबादी नारी शिक्षा तो दूर पुरुषें भी कॉलेज का मुंह नहीं देखा है,अनेकों ऐसे परिवार आज भी है जो आज खाया तो कल के बारे में सोचते हैं। आज भी हमारे समाज आर्थिक,सामाजिक,शैक्षणिक तथा राजनीतिक, दृष्टि कोण से सम्पूर्ण पिछड़े हुए हैं। जो हर स्तर पर प्रमाणित एवं परिलक्षित है।
श्री मंडल समाज को एक जुट होकर आगे की लड़ाई लड़ने के लिए आगे आने की आह्वान किए।
पूर्व पार्षद के साथ पूर्व जिला पार्षद श्रीमती प्रतिमा रानी मंडल, डॉ. प्रभाकर मंडल, राधा बल्लभ मंडल, पी.एल.वी.- चयन कुमार मंडल, श्रीमती पुटु रानी मंडल, श्रीमती मीरा मंडल, पल्लवी मंडल,भास्कर मंडल, विवेक मंडल, विजेता मंडल एवं दैविक मंडल आदि सम्मेलन में सम्मिलित हुए ।